Monday 10 October 2016

आधुनिक राष्ट्रवाद

शायद मैं लिखने व बोलेन के लिए आज़ाद हूँ अब लिखने के बाद मै गलियों से सम्मानित किया जाऊंगा या सिर्फ सराहा जाऊंगा ये मेरे लिखने के बाद पढने वाले राष्ट्रावादी और उनकी टोली तय करेगी इस लेख को लिखने से पहले ही मैंने शायद शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया क्योंकि ये कुंठा ग्रसित शब्द(गलियां) ही अभिव्यक्ति की आज़ादी का दायरा सीमित कर देते है| पिछले कुछ दिनों से जो भी हो रहा है उसने मेरे लिए “राष्ट्रवाद” शब्द का व्याकरण गणित भूगोल और परिभाषा सब कुछ बदल दिया अब मेरे लिए राष्ट्रवाद एक बीमारी है, इसका कोई इलाज़ नही है| फ़र्ज़ कीजिए कि आप आधुनिक राष्ट्रवादी है तब तो आपका सीना 56 इंच का होगा ये आपके आधुनिक राष्ट्रवादी होने का मानक है और अगर आप आधुनिक राष्ट्रवादी है और मौजूदा सरकार से सर्टिफाइड है तो आप शत (100) प्रतिशत गौरक्षक होंगे 200% अल्पसंख्यक भंजक होंगे और आपके गौरक्षा की शैली सनी देओल के “गदर” फिल्म के हैंडपंप उखाड़ने वाले दृश्य से भी ज्यादा टिकाऊ और उर्जावान होगी| और अगर आप पुराने खय्लात के पटेल,नेहरु,भगत सिंह के विचारों वाले राष्ट्रावादी है तो आपके अस्मिता और विवेक को तथाकथित आधुनिक राष्ट्रावादी ऐसे लूटेंगे जैसे 90 के दशक में मिथुन चक्रवर्ती के हर फिल्म में उनके परिवार की किसी महिला की लुटी जाती थी| पर आप मिथुन नही है कि शेरा,टाइगर बनकर बदला ले सके आप आज के अलीगढ के मनोज वाजपेयी है रोयेंगे,तिमिर का कम्बल ओढ़ कर खुद चुप हो जायंगे शायद मौत को भी गले लगा लें फिर मंत्रालय द्वारा गठित आयोग आपकी देशभक्ति से लेकर आपकी जाति तक तय कर देगा |

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